DHATU (RADICAL)
मंत्राक्षर धातु या अनुक्रमण घटक मंत्राक्षर वर्ण का एक चित्रमय घटक है जिसके अंतर्गत वर्ण को मंत्राक्षर शब्दकोश में सूचीबद्ध किया जाता है। यह घटक अक्सर रूपिम (morpheme) के समान एक सिमेंटिक संकेतक होता है, हालांकि कभी-कभी यह एक ध्वन्यात्मक घटक या चरित्र का कृत्रिम रूप से निकाला गया हिस्सा भी हो सकता है।
चिन्ह के अंदर स्थान
धातु मंत्रक्षर के चिन्ह में ऊपर , नीचे , दाएं , बाएं , ऊपर से बाएं , नीचे से बाएं , ऊपर से दाएं , नीचे से दाएं और परिवृत या सीमित करके दर्शाए जा सकते हैं ।
मंत्रक्षर मात्राएं
जिस प्रकार हम हिंदी या संस्कृत में मात्राओं का उपयोग स्वर को लिखने के लिए करते हैं उसी प्रकार हम इन धातुओं के मात्राओं का उपयोग नए भावचित्र बनाने के लिए कर सकते हैं । मंत्राक्षर मात्राएँ को कई प्रकार से विभाजित किया जा सकता हैं जैसे मात्रा कि संख्या पर आधारित एक मात्रा , दो मात्रा , तीन मात्रा , चार मात्रा , पाँच मात्रा आदि | जिन मात्रा को हम कोइ भी नाम नहीं दे सकते हैं उन मात्राओ को हम अनामिका मात्राएँ कहते हैं | जो मात्राओ का अर्थ या नाम होता हैं उन्हे हम धातु कहते हैं और इनकी मात्राओं को धातु कि मात्राएँ कहते हैं |
संज्ञात्मक धातु
MANTRA | HINDI | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | CONJUNCTION/SANDHI | |
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आसंद | कुर्सी | aasand | |||
कोष्ठ | कमरा | koshth | |||
जलयान | जहाज | naav | |||
रोहिका | सीढी | सोपान | |||
शैय्या | बिस्तर | शैय्या | |||
स्तरिका | मेज | तालिका | |||
MANTRA | HINDI | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | CONJUNCTION/SANDHI | |
ध्वजदंड | झण्डा | ध्वजदंड | |||
बुद्धिका | किताब | पुस्तक | |||
माध्यमिका | पैसा | वित्त | |||
संदेश | पैग़ाम | संदेश | |||
MANTRA | HINDI | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | CONJUNCTION/SANDHI | |
बुराश | कूँची | ||||
क्षेपिका | बंदूक | बंदूक | |||
खड्ग (खंड + ग ) | तलवार | तरवारी | |||
छादिका | ढक्कन | छादन | |||
तुलकम् | तराजू | संतुलन | |||
पट्ट | तख्ता | पट्ट | |||
पेटी | डब्बा | पेटी | |||
पेठिका , दंठ | हथोड़ा | मुद्गर | |||
बंधिका | ताला | ताल | |||
भेदिका | तीर | शार्य | |||
शिरोभूषा | ताज | मुकुट | |||
स्थम्भ | खंबा | स्कम्भ |
भावबोधक धातु
देखिए : भाववाचक धातु
HINDI | ETYMOLOGY | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI |
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औजार | From उप- (upa-) + करण (karaṇa). ( उप + कृ - करण ) | उपकरण | ||
काम | From क्रिय् (kriy) + -आ (-ā), in which क्रिय् (kriy) | क्रिया | ||
गिरह | From सम्- (sam-) + ऊह (ūha). (imagination) | समूह | ||
चीज | possibly From वस् (vas, “to dwell”) , वस्तु (object ) , वास्तु (house) , वास्तविक (truth ) | वस्तु | ||
तशकीश | मूल्यांकन | |||
ताकत | From the root शक् (śak, “to be able to”) + -ति (-ti). | शक्ति | ||
पैदा | from Sanskrit सृजन (sṛjana), from the root सृज् (sṛj, “to cast or let go”) | सृजन | ||
बिजली | from sanskrit - द्यूत | विद्युत | ||
मदत | उपकार - {उप- कृ} | उपकार | ||
रंग | from Sanskrit रङ्ग (raṅga), which is derived from the root रञ्ज् (rañj) | रंज | ||
लड़ाई | from sanskrit - युत् (to fight ) | युद्ध | ||
वजन | from sanskrit भरति • (bhárati) (root भृ, | भार | ||
HINDI | ETYMOLOGY | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI |
वक्त | Vṛddhi derivative of the root कल् (kal, “to calculate or enumerate”) | काल | ||
लिखाई | from Sanskrit लिपि (lipi) | लिपि | ||
संगीत | वद् | वादन | ||
नाम | possibly from sanskrit ( नम् - to greet , to bow ) | नाम | ||
दर्द | From the root पीड् (pīḍ, “to twist, squeeze, cause pain”) | पीड़ा | ||
अल्फ़ाज़ | From अ- (a-) + क्षर (kṣara, “perishable”). ( suffix used कार ) | अक्षर |
गुण बोधक
HINDI | ETYMOLOGY | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI |
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सुराख | from sanskrit छिद् (to split ) | छेद | ||
रास्ता | from Sanskrit पथ (pathá) | पथ | ||
जोड़ | From बन्ध् (bandh), from Proto-Indo-European *bʰendʰ- (“to bind, tie”) | बन्ध | ||
गिलठी | possibly from उत् , उभ् (up ) | उभार | ||
काटना | कर्ट | कर्तन | ||
कोना | from Sanskrit कोण (koṇa). | कोण | ||
गड्ढा | possibly from sanskrit खनति • (khanati) (root खन्, ) | खात |
प्राकृतिक धातु
देखिए : प्राकृतिक धातु
MANTRA | HINDI | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI | |
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अभ्र | बादल | अभ्र | |||
द्यु | आग | अग्नि | |||
भू | जमीन | धरती | |||
ल | पानी | जल | |||
वा | हवा | वायु | |||
MANTRA | HINDI | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI | |
क्षु , प्सा | खाना | आहार | |||
द्रु | दराख्त | वृक्ष | |||
न | आवाज | ध्वनि | |||
फल् | फल | इष्टि | |||
फा | पत्ता | फाली | |||
भा | रोशनी | प्रकाश | |||
सु | फूल | पुष्प | |||
इडा | पहाड़ | पर्वत | |||
MANTRA | HINDI | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI | |
माँ | चाँद | चंद्र | |||
स्त्रि | तारा | तारा | |||
भानु | आफ़्ताब | सूर्य | |||
MANTRA | HINDI | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI | |
जीव | ज़िंदगी | जीवन | |||
मृ | मौत | मृत्यु |
जीवात्मक धातु
देखिए : जीवात्मक धातु
ज्ञानेन्द्रिया
कर्मेन्द्रिय
अन्तःकरण
कर्ता
मुद्रा धातु
HINDI | ETYMOLOGY | SANSKRIT | MANTRAKSHAR | SANDHI |
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उलटा लेटना | पृष्ठदण्डासन | |||
कुर्सी के हालत जैसा | उत्कटासन | |||
खड़ा | स्थ | |||
चम्मच जैसा हाथ | पात्रपाणि | |||
झुकना | उब्ज | |||
टेकना | वीरासन | |||
दुबकना | मंडूकासन | |||
पालथी | सुखासन | |||
पीठ दिखाना | पृष्ठ | |||
पेड़ कि हालत जैसा | वृक्षासन | |||
पढ़ | अध्ययन | |||
बिल्ली के जैसी हालत | बीटीलासन | |||
बैठ | तिष्ठ | |||
मुट्ठी | मूष्ठी | |||
मौत की हालत जैसा | शवासन | |||
लकड़ी की हालत जैसा | दण्डासन | |||
सीधा लेटना | उदरदण्डासन | |||
हाथ उठाना | उच्चैर्भुज | |||
हाथ नीचे करना | निम्नबाहु | |||
हाथ फैलाना | व्राजबाहु | |||
हाथ मोड़ना | अहम मुद्रा | |||
हिलना | चल | |||
ग़ुलाम के हालत जैसा | बजरंगासन |
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