मंत्राक्षर

मंत्राक्षर एक प्रकार की निर्मित भाषा हैं जिसे एक भावचित्र लिपि के रुपमें समझा जा सकता हैं । इस भाषा में सौ से अधिक चिन्ह हैं जिसमें हर चिन्ह एक अवधारणा को प्रकट करता हैं । इन चिन्हों को जोड़कर हम एक नए चिन्ह को बना सकते हैं जो नए अवधारणा को व्यक्त करे । इस भाषा की खासियत यह हैं कि इसके चिन्ह विश्व के किसी भी भाषा के आवाज को व्यक्त नहीं करते । इस भाषा के चिन्ह को हम किसी भी भाषा के शब्द से जोड़ सकते हैं उस भाषा के अर्थ को समझने के लिए ।

मंत्रक्षर भाषा डॉ अनुपम निर्विकार द्वारा निर्मित की गई है ।

यह भाषा का उपयोग कोई भी विदेशी व्यक्ति कर सकता है ।

लिपि के प्रकार

अब्जद

abjad (/ bdʒæd /) एक प्रकार की लेखन प्रणाली है जिसमें (सच्चे अक्षरों के विपरीत) प्रत्येक प्रतीक या ग्लिफ़ एक व्यंजन के लिए खड़ा होता है, वास्तव में यह पाठकों को अनुमान लगाने या अन्यथा एक उपयुक्त स्वर की आपूर्ति करने के लिए छोड़ देता है। यह शब्द 1990 में पीटर टी। डेनियल द्वारा पेश किया गया एक नवशास्त्र है। एक ही अवधारणा के लिए अन्य शब्दों में शामिल हैं: आंशिक ध्वन्यात्मक लिपि, खंडीय रैखिक दोषपूर्ण ध्वन्यात्मक लिपि, व्यंजन, व्यंजन लेखन और व्यंजन वर्णमाला।

अशुद्ध abjads या तो वैकल्पिक विशेषक के साथ स्वरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, विशिष्ट स्वर ग्लिफ़ की एक सीमित संख्या [निर्दिष्ट], या दोनों। abjad नाम अरबी वर्णमाला के पहले (अपने मूल क्रम में) चार अक्षरों पर आधारित है - ए, बी, जे, डी के अनुरूप - लिपियों के परिवार का वर्णन करने में अधिक सामान्य शब्दों “व्यंजन” और “व्यंजन वर्णमाला” को बदलने के लिए। “वेस्ट सेमिटिक” के रूप में वर्गीकृत।

अबूगिड़ा

अबुगिडा (/ bʊˈɡiːdə, b-/ (इस साउंडलिस्टन के बारे में), गीज़ से: አቡጊዳ), जिसे कभी-कभी अल्फ़ासिलेबरी, नियोसिलेबरी या छद्म-वर्णमाला के रूप में जाना जाता है, एक खंडीय लेखन प्रणाली है जिसमें व्यंजन-स्वर अनुक्रम इकाइयों के रूप में लिखे जाते हैं; प्रत्येक इकाई एक व्यंजन अक्षर पर आधारित है, और स्वर संकेतन गौण है। यह एक पूर्ण वर्णमाला के साथ विरोधाभासी है, जिसमें स्वरों की स्थिति व्यंजन के बराबर होती है, और एक अजाद के साथ, जिसमें स्वर अंकन अनुपस्थित, आंशिक या वैकल्पिक होता है (हालांकि कम औपचारिक संदर्भों में, सभी तीन प्रकार की स्क्रिप्ट को अक्षर कहा जा सकता है)। शब्द उन्हें एक शब्दांश के साथ भी विपरीत करते हैं, जिसमें प्रतीकों को अलग-अलग व्यंजन और स्वरों में विभाजित नहीं किया जा सकता है।

अबुगिडा शब्द चार अक्षरों से लिया गया है, 'ä, बू, गी, और दा, ठीक उसी तरह जैसे कि एबेडेडरी लैटिन अक्षरों से लिया गया है a be ce de, abjad अरबी abjd से लिया गया है, और वर्णमाला से लिया गया है ग्रीक वर्णमाला, अल्फा और बीटा में दो पहले अक्षरों के नाम।

voicing first second third fourth fifth
Alpaprana Mahapraan Alpapran Mahapraan
Kanthya(guttural)
Talavya (palatal)
Murdhanya(retroflex)
Dantya(dental)
Oshthya(labial)
Ardhosthya (semilabial) f

भावचित्रों की क़िस्में

मंत्राक्षार भाषा को चीनी भावचित्रों की श्रेणियों के आधार पर वर्गीकृत किया गया हैं :

Blissymbols

Blissymbols का व्याकरण प्रकृति की एक निश्चित व्याख्या पर आधारित है, इसे पदार्थ (भौतिक चीजों), ऊर्जा (क्रियाओं), और मानवीय मूल्यों (मानसिक मूल्यांकन) में विभाजित करता है। एक सामान्य भाषा में, ये क्रमशः संज्ञा, क्रिया और विशेषण को स्थान देंगे। Blissymbols में, उन्हें क्रमशः एक छोटे वर्ग प्रतीक, एक छोटे शंकु प्रतीक और एक छोटे V या उल्टे शंकु द्वारा चिह्नित किया जाता है। इन प्रतीकों को किसी भी अन्य प्रतीक के ऊपर रखा जा सकता है, इसे क्रमशः “चीज”, एक “क्रिया” और “मूल्यांकन” में बदल दिया जा सकता है।

हमारी दुनिया की मुख्य अभिव्यक्तियों को पदार्थ, ऊर्जा और मन की शक्ति में वर्गीकृत किया जा सकता है। यह इंगित करने के लिए एक

  • “वर्ग” द्वारा पदार्थ का प्रतीक है कि पदार्थ की संरचना अराजक नहीं है
  • ऊर्जा का प्रतीक इंगित करता है की हमारे ग्रह की आदिम [प्रथम युग] क्रिया, ज्वालामुखी शंकु का फेंकना |
  • मानव मूल्यांकन का प्रतीक यह सुझाव देता हैं कि शंकु अपने बिंदु पर खड़ा हुया है, एक ऐसी स्थिति जिसे भौतिकी में [गिरने की संभावना, अस्थिर] कहा जाता है ।

चीजों और कार्यों से संबंधित सभी शब्द किसी वास्तविक चीज को संदर्भित करते हैं, जो हमारे मस्तिष्क के बाहर मौजूद है। लेकिन मानव मूल्यांकन… प्रत्येक व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है।

परंतु मंत्राक्षार (mantrakshar) भाषा में ऐसा वर्गीकरण नहीं किया गया हैं | इस भाषा में धातु (radicals) का प्रयोग कर इन भावचित्रों को व्यक्त किया जाता हैं और धातु के आधार पर ही इन्हे शब्दकोश में भी उसी क्रम में लिखा जाता हैं |

चित्रचिह्न

यह कभी चित्र हुआ करते थे लेकिन लिखाई में आसानी लाने के लिए और मानकीकरण करने के बाद इनकी शक्लें थोड़ी बदल गई हैं। उदाहरण स्वरूप, 人 (रन) यानि 'व्यक्ति', 日 (री) यानि 'सूरज', 月 (युए) यानि 'चाँद' और 木 (मू) यानि 'वृक्ष'। लगभग ४% चीनी भावचित्र इस श्रेणी के हैं। अंग्रेज़ी में इस श्रेणी के शब्दों को 'पिक्टोग्रैम' (pictogram) कहते हैं।

भावचित्र

यह चित्रों में थोड़ा फेर-बदल कर के उन्हें अन्य मतलब देते हैं। जैसे कि जहाँ 木 (मू) का अर्थ 'वृक्ष', वहाँ दो वृक्षों को जोड़कर 林 (लिन) बनता है, जिसका मतलब '(वृक्षों का) झुरमुट' है। अगर तीन वृक्ष जोड़कर 森 (सेन) लिखे, तो इसका अर्थ 'जंगल' होता है। उसी तरह 刀 (दाओ) का मतलब तो 'चाकू' है लेकिन इसकी धार पर निशान लगाने से 刃 (रेन) बनता है, यानि '(चाकू की) धार'। ज़रा-ज़रा से निशान बनाने से नए अर्थों वाले शब्द बनाए गए हैं। अंग्रेज़ी में इस श्रेणी के शब्दों को 'इडियोग्रैम' (ideogram) कहते हैं।

इन्हे सरल संकेतक भी कहा जाता है, इस छोटी श्रेणी में ऐसे पात्र होते हैं जो प्रत्यक्ष प्रतिष्ठित चित्रण होते हैं। उदाहरणों में शामिल हैं 上 shàng “ऊपर” और 下 xià “नीचे”, मूल रूप से एक रेखा के ऊपर और नीचे एक बिंदु। सांकेतिक चरित्र अमूर्त अवधारणाओं के प्रतीक हैं जिन्हें शाब्दिक रूप से चित्रित नहीं किया जा सकता है लेकिन फिर भी एक दृश्य प्रतीक के रूप में व्यक्त किया जा सकता है । उदाः - 凸 उत्तल , 凹 अवतल ,平 समतल और स्तर ।

blissymbol Mantrakshar Japanese kanji Mandarin chinese
up.jpg (ue) 上 上 ( shàng)
down.jpg (shita) 下 下 ( xià )
left.jpg (hidari) 左 左(边) (zuo(bian))
right.jpg ( migi) 右 右(边) (yòu(biān))

संयुक्त भावचित्र

इनमें एक से अधिक चित्रों या भावचित्रों को जोड़कर नए अर्थों वाले शब्द बनाए जाते हैं। जैसे कि 日 (री) यानि 'सूरज' और 月 (युए) यानि 'चाँद' को जोड़कर 明 (मिंग) यानि 'रोशन' बनता है। यदि व्यक्ति (人, रन) को पेड़ (木, मू) से जोड़ा जाए तो 休 (शिऊ) बनता है, जिसका मतलब है 'विश्राम' (इसे समझने के लिए सोचिये कि प्राचीनकाल में लोग पेड़ों के नीचे विश्राम किया करते थे)। इसी तरह से 女 (नु, स्त्री) और 子 (ज़ी, बच्चा) जोड़ने से 好 (हाओ) बनता है, जिसका अर्थ 'अच्छा' निर्धारित हुआ है। हालांकि इसपर कुछ भाषावैज्ञानिकों का विवाद है, इसकी एक अन्य मिसाल 'छत' के लिए 宀 चिह्न को 'स्त्री' के लिए 女 चिह्न के साथ मिलाकर 安 बनाना है, जिसका अर्थ 'शान्ति' है (यानि घर में स्त्री है और घर पर छत है, तो सुख-शान्ति है)।

आधुनिक काल में भी ऐसे नए भावचित्र ज़रुरत के अनुसार गढ़े गए हैं। प्लैटिनम एक मूल्यवान सफ़ेद धातु होती है, जिसके लिए भावचित्र 鉑 है, जो 'सफ़ेद' और 'धातु' को मिलाकर बना है। उसी तरह 'मीटर' (米) और 'हज़ार' (千) को मिलाकर 粁 बना - यह उन्नीसवी सदी के अंत के आसपास प्रयोग होने लगा। अंग्रेज़ी में इस श्रेणी के शब्दों को 'इडियोग्रैमिक कम्पाउंड्ज़' (ideogrammic compounds) कहते हैं।

compound ideograph constituent radical 1 constituent radical 2
休 “आराम” 人 “व्यक्ति” 木 “पेड़”
heart.jpg
rest.jpg heart.jpg earth.jpeg
compound ideograph constituent radical 1 constituent radical 2
好 “अच्छा” 女 “स्त्री” 子 “बच्चा”
heart.jpg
good.jpg heart.jpg intensity.jpg
compound ideograph constituent radical 1 constituent radical 2
明 “उज्ज्वल” 日 “सूर्य” 月 “चंद्र”
bright.jpg light.jpeg intensity.jpg

शब्द चित्र विधि (Rebus)

कभी-कभी ऐसा हुआ है कि किसी चीज़ के लिए चिह्न नहीं था लेकिन उस शब्द का उच्चारण किसी और शब्द से मिलता था जिसके लिए भावचित्र था, तो वह चिह्न दोनों के लिए ही इस्तेमाल होने लगा। मसलन, बहुत चीनी भाषाओँ में 'ज़ी' शब्द का अर्थ 'नाक' भी था और 'स्वयं' भी था। 'नाक' के लिए चिह्न 自 था और वह 'स्वयं' के लिए भी प्रयोग होने लगा। वक़्त के साथ इस चिह्न का 'नाक' अर्थ तो भुला दिया गया और आधुनिक चीनी लिपि में इसका अर्थ सिर्फ़ 'स्वयं' रह गया है। इस श्रेणी का नाम 'रीबस' (rebus) अंग्रेज़ी से लिया गया है।

Word Rebus Remark
Romania 罗马尼亚/羅馬尼亞 (Luó Mǎ Ní Yà)
Coca-cola 可口可乐/可口可樂 (Kěkǒu Kělè)
Butterfly butterfly-rebus.jpg butterfly.jpg
I believe in love i_believe_in_love.jpg

स्वर-अर्थ संयुक्त भावचित्र

देखिए : अर्थस्वर

चीनी लिपि के सब से अधिक शब्द इस श्रेणी के होते हैं। इनमें एक या एक से अधिक चिह्न ऐसे होते हैं जो शब्द का अर्थ बताते हैं और एक भावचित्र ऐसा होता है जिसका अर्थ से कोई लेना-देना नहीं लेकिन यह किसी ऐसी चीज़ का चिह्न होता है जिसका उच्चारण इस शब्द से मिलता-जुलता हो। इस से शब्द का उच्चारण और मतलब दोनों पता चल जाते हैं। उदहारण के लिए 'नदी' (河, हे), 'झील' (湖, हु), 'झरना' (流, लिऊ), 'बहुत ज़बरदस्त पानी की धार, या फ़्लश किया गया पानी' (沖, चोंग) और 'फिसलन' (滑, हुआ)। ग़ौर कीजिये की हर चिह्न की बाई तरफ़ तीन छोटी लकीरें हैं, जो 'नदी' के चित्र को सरल करके बना है। इस से संकेत मिलता है कि शब्द 'पानी' से सम्बंधित है।

चीनी भावचित्र चीनी स्वर और हिन्दी अर्थ मंत्राक्षर भावचित्र हिन्दी स्वर और अर्थ
hé “नदी ” फुहार
hú “झील” कोहरा
liú “झरना ” रस
, chōng “तेज धारा “
huá “फिसलन”

शब्द का दाई तरफ़ का हिस्सा सिर्फ़ ध्वनि बताता है। 沖 (चोंग, फ़्लश किया गया पानी) के दाई तरफ़ 中 है, जिसका अर्थ चीनी में 'बीच' होता है और उच्चारण 'झोंग' होता है। देखा जा सकता है कि 沖 कह रहा है 'पानी से सम्बंधित शब्द, जिसका उच्चारण झोंग से मिलता है', यानि 'चोंग'। अंग्रेज़ी में ऐसे भावचित्रों के अर्थ बताने वाले हिस्से को 'रैडिकल' (radical) बोलते हैं और इस श्रेणी के शब्दों को 'फ़ोनो-सीमैन्टिक कम्पाउंड्ज़' (phono-semantic compounds) कहते हैं। इस श्रेणी के भावचित्र सबसे पहले शांग राजवंश के ज़माने में विकसित हुए थे और उस समय के खंडहरों में मिली हड्डियों पर खरोंचे हुए मिले हैं।

संख्या (NUMBERS)

NUMBERS ENGLISH/GERMAN HINDI/SANSKRIT CHINESE/JAPANESE LATIN /ITALIAN GREEK/RUSSIAN PERSIAN/URDU TAMIL / TELUGU
0 0 O ۰ 0
zero/null Shunya líng / rei nihil Miden sefr suliyam/sunna
1 I Α ۱ ௧/౧
one/eins ek/eka yi / ichi unnus / uno enna/odin yek onru/okati
2 II B ۲ ௨/౨
two/zwei do/dvi er / ni duo / duo dyi/dva do irandu/rendu
3 III Γ ۳
three/dre teen/tri san / san tres / tre trei /tre se munru/muudu
4 IV Δ ۴ ௪/౪
four/vier chaar/chatvar si / yon quattuor/quattro tessera/chytry chahar nanku/naalugu
5 V Ε ۵ ௫/౫
five/funf paanch/pancha wu / go quinque/cinque pente/phyat panj aindu/aidu
6 VI Ζ ۶ ௬/౬
six/sechs che/shastha liu / roku sex/sei eksi-hexa/Shest shesh aru/aaru
7 VII ۷ ௭/౭
seven/sieben saat/sapta qi / nana septem/sette epta-hepta/syem haft elu/edu
8 VIII Η ۸ ௮/౮
eight/acht aath/astha ba / hachi octo/otto octa/vosyem hasth ettu/einmidi
9 IX Θ ۹ ௯/౯
nine/neun nau/nava jiu / kyu novem/nove ennea/dyevyet noh onpathu/tommidi
10 १० X Ι ۱۰ ௰/౧౦
ten/zehn dus/dasha shi / ju decem/dieci deca/dyesyt dah paththu/padi

वाक्यविन्यास

मैं चलनचित्र घर जाना चाहता हूँ
我(i) 电影(cinema) 院(yuan) 去(to go) 想(want)

इस वाक्य का अर्थ हैं कि “ मैं चलनचित्र घर जाना चाहता हूँ ” This example shows several features of blissymbolics/मंत्राक्षर :

  • सर्वनाम “मैं” का रूप किसी व्यक्ति जो दोनों हाथ मोड़कर अपनी ओर इशारा कर रहा हैं के रूप में समझ जा सकता हैं | 3 रेखाओं कि संख्या का उपयोग करने से बहुवचन “हम” का प्रतीक मिलेगा; “तुम” को संकेत करने के लिए दोनों हाथों को बाहरी वक्र रेखा से सीमित किया जाता हैं ।
  • The Bliss-word for “to want” contains the heart which symbolizes “feeling” (the classifier), plus the serpentine line which symbolizes “fire” (the modifier), and the verb (called “action”) indicator at the top.
  • “जाना” को संकेत करने के लिए मंत्राक्षार चिन्ह आदमी और तीर कि दिशा से व्यक्त किया गया है |
  • “चलनचित्र घर” बना हैं “आँख” , “बैठे हुए आदमी” और “घर” से बना हैं | इसका तात्पर्य घर में बैठे आदमी आखों के द्वारा देख रहे हैं |

हिन्दी व्याकरण

QR Code
QR Code sa:mantrakshar (generated for current page)