4. उपसर्ग की तरह प्रयुक्त अव्यय
उपर्युक्त उपसर्गोँ के अतिरिक्त हिन्दी मेँ संस्कृत के कुछ अव्यय, विशेषण और शब्दांश भी उपसर्गोँ की तरह प्रयुक्त होते हैँ।जैसे –
• अ – निषेध – अप्राकृतिक, अकृत्रिम, अधर्म, अनाथ, अपूर्ण, अभाव, अमूल्य।
• अधः – नीचे – अधःपतन, अधोगति, अधोमुख।
• अन् – निषेध – अनन्त, अनादि, अनागत, अनर्थ।
• अन्तर्/अन्तः – भीतर – अन्तःकरण, अन्तःप्रान्तीय, अन्तर्गत, अन्तरात्मा, अन्तर्धान, अन्तर्दशा, अन्तर्यामी, अंतरिक्ष, अन्तर्मन, अन्तर्ज्ञान, अन्तर्देशीय, अन्तर्द्वन्द्व, अन्तर्राष्ट्रीय।
• अमा – अमावस्या, अमात्य।
• अलम् – बहुत, काफी – अलंकरण, अलंकृत, अलंकार।
• आत्म – स्वयं – आत्मकथा, आत्मघात, आत्मबल, आत्मानुभूति, आत्महत्या, आत्मज, आत्मश्लाघा, आत्मसमर्पण, आत्मोत्सर्ग, आत्मज्ञान, आत्मसात्, आत्मविश्वास।
• आविर्/आविः – प्रकट – आविर्भाव, आविर्भूत।
• आविष्/आविः – आविष्कार, आविष्कृत।
• इति – अन्त, ऐसा – इतिश्री, इतिहास, इत्यादि, इतिवृत्त, इतिवार्ता।
• चिर – बहुत – चिरकाल, चिरन्तन, चिरायु, चिरंजीव, चिरस्थायी, चिरपरिचित, चिरप्रतीक्षित, चिरस्मरणीय, चिरनिद्रा।
• तत् – उस समय – तल्लीन, तन्मय, तद्धित, तदनन्तर, तत्काल, तत्क्षण, तत्पश्चात्, तत्सम, तत्कालीन, तदुपरान्त, तत्पर।
• तिरस्/तिरः – हीन, बुरा – तिरस्कार, तिरस्कृत, तिरोभाव, तिरोहित, तिरोधान।
• प्राक् – पहले – प्राक्कथन, प्राक्कलन, प्रागैतिहासिक, प्राग्वैदिक, प्राक्तन, प्राक्कृत।
• न – अभाव – नकुल, नपुंसक, नास्तिक, नग।
• प्रातः – सुबह – प्रातःकाल, प्रातःवन्दना, प्रातःस्मरणीय।
• प्रादुर् – प्रकट – प्रादुर्भाव, प्रादुर्भूत।
• पुनर्/पुनः – फिर – पुनर्जन्म, पुनरागमन, पुनरुदय, पुनर्विवाह, पुनर्मिलन, पुनर्विचार, पुनरुद्धार, पुनर्वास, पुनर्मूल्यांकन, पुनरीक्षण, पुनरुत्थान, पुनर्निर्माण।
• पुरा – प्राचीन – पुरातन, पुरातत्त्व, पुरापथ, पुराण, पुरावशेष, पुराचीन।
• पुरः – पुरोहित, पुरोधा, पुरोगामी।
• पुरस् – आगे – पुरस्कार, पुरश्चरण, पुरस्कृत।
• पूर्व – पहले – पूर्वज, पूर्वाग्रह, पूर्वाद्ध, पूर्वाह्न, पूर्वानुमान, पूर्वनिश्चित, पूर्वाभिमुखी, पूर्वापेक्षा, पूर्वोक्त।
• बहिर्/बहिः – बाहर – बहिरागत, बहिर्जात, बहिर्भाव, बहिरंग, बहिर्द्वन्द्व, बहिर्मुखी, बहिर्गमन।
• बहिस्/बहिः – बाहर – बहिष्कार, बहिष्कृत।
• स – सहित – सजल, सपत्नीक, सहर्ष, सपरिवार, सादर, सकुशल, सहित, सोद्देश्य।
• सत् – सम्मान – सत्कर्म, सत्कार, सद्गति, सज्जन, सत्धर्म, सत्संग, सत्कार्य, सच्चरित्र।
• स्व – अपना – स्वनाम, स्वजाति, स्वशासन, स्वाभिमान, स्वतंत्र, स्वदेश, स्वराज्य, स्वाधीन, स्वधर्म, स्वभाव, स्वार्थ, स्वहित, स्वजन, स्वेच्छा।
• स्वयं – अपने आप – स्वयंभू, स्वयंवर, स्वयंसेवक, स्वयंपाणि, स्वयंसिद्ध।
• सह – साथ – सहाध्यायी, सहपाठी, सहकर्मी, सहोदर, सहयोगी, सहचर, सहयोग, सहकार, सहयात्री, सहानुभूति।
कुछ अन्य शब्द जो उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होते हैँ –
• अद्य – अद्यतन, अद्यावधि।
• आवा – आवागमन, आवाजाही।
• उद् – उद्गम, उद्गार।
• कत् – कदम्ब, कदाचार, कदर्थ, कदश्व, कदाकार।
• काम – कामयाब, कामकाज, कामचोर, कामचलाऊ, कामदेव, कामधेनु, कामशास्त्र, कामांध, कामाक्षी, कामाख्या, कामाग्नि, कामातुर, कामायनी, कामोन्माद।
• बर – बरदाश्त, बरबाद, बरकरार, बरख्वास्त।
• भू – भूगोल, भूधर, भूचर, भूतल, भूकम्प, भूगर्भ, भूदेव, भूपति, भूमंडल, भूमध्यसागर, भूख, भूखा, भूस्वामी, भूपालक।
• स्वी – स्वीकार्य, स्वीकार, स्वीकृत।
• मंद – मंदबुद्धि, मंदगति, मंदाग्नि, मंदभाग्य।
• मत – मतदान, मतपत्र, मतदाता, मतवाला, मतगणना, मतसंग्रह, मतभेद, मताधिकार, मतावलम्बी।
• मद – मदमाता, मदमस्त, मदकारी, मदमत्त।
• मधु – मधुकर, मधुमक्खी, मधुसूदन, मधुबन, मधुबाला, मधुमेह, मधुशाला, मधुस्वर।
• मन – मनचला, मनचाहा, मनमोहन, मनभाया, मनहर, मनभावन, मनगढ़ंत, मनमुटाव, मनमौजी, मनमानी, मनसब।
• मरु – मरुभूमि, मरुस्थल, मरुप्रदेश, मरुधर।
• महा – महाभियोग, महाभारत, महायज्ञ, महायान, महारथी, महाराज, महाराष्ट्र, महासागर, महामंत्री, महाप्रयाण, महाकाल, महावीर।
• मान – मानचित्र, मानदंड, मानहानि, मानदेय, मानसून, मानसरोवर।
• मित – मितभाषी, मितव्यय, मितव्ययी, मिताहार।
• मुँह – मुँहफट, मुँहबोला, मुँहमाँगा, मुँहदिखाई, मुँहतोड़।
• मूल – मूलभूत, मूलधन, मूलमँत्र, मूलग्रन्थ, मूलबंध।
• यथा – यथाशक्ति, यथासंभव, यथासमय, यथावधि, यथाशीघ्र, यथास्थान, यथास्थिति।
• रंग – रंगमंच, रंगशाला, रंगरूप, रंगढंग, रंगरेज, रंगरूट, रंगरसिया।
• रक्त – रक्ततुण्ड, रक्तवर्ण, रक्तस्राव, रक्तकंठ।
• रफू – रफूचक्कर, रफूगर।
• लेखा – लेखाकार, लेखाकर्म, लेखापाल, लेखाचित्र, लेखांकन।
• लोक – लेकगीत, लोककथा, लोकाचार, लोकनाथ, लोकपाल, लोकायुक्त, लोकहित, लोकतंत्र।
• वज्र – वज्रपाणि, वज्रदंत, वज्रांग, वज्रासन, वज्रायुध।
• वर्ग – वर्गमूल, वर्गफल, वर्गाकार।
• सार्व – सार्वजनिक, सार्वअन्तर, सार्वभौम, सार्वकालिक, सार्वदेशिक।
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