रवैय्या ) | पेशा | मिजाज ) | शख्सियत | बर्ताव | |
सलाहीयत | समझ ) | competency | इमकानीयत | हुनर | |
cheat | |||||
मोहित करना | धोखा देना | ||||
common sense | |||||
स्वभाव ( तबा | ( पूर्वज्ञान ) पेशगोइ | अक्ल ) | common sense | समझ ) | |
wisdom | |||||
Reasoning | Logic | ||||
चेतना (होश ) | conscientiousness | जानना | जागरूकता ( आगाह ) | ||
mental representation | |||||
अवधारणा ( तसव्वुर ) | विचार (खयाल) | Mental representation | Idealize | perfect | |
समस्या ( मसला ) | परिस्थिति (हालत ) | ||||
निर्णय (फैसला ) | volition | determination | liberty | प्रतिज्ञा ( आज़ाम ) | |
इच्छा ( इरादा , मर्जी ) | freewill | readiness | संकल्प ( नियत ) | ||
discrepancy | संदेह (शक ) | skepticism | |||
कृतत्व ( तखलिकीयत | स्वप्न ( ख्वाब ) | रचना | |||
प्रत्यभिज्ञान (पहचानना ) | identify | recall | remember | recollect | |
स्मृति ( यादाश्त ) | |||||
इंद्रिय ( हिस ) | अनुभूति ( एहसास ) | प्रत्यक्ष (इद्रक | अनुभव (तजुर्बा ) | विवेक ( शिनाखत ) |
cautious | ultimatum | beware | warn | ||
agree | |||||
guess | |||||
calculate | estimate | approximate | optimize | guess | |
Imply | signal | indicate | denote | hint | |
control | manage | maintain | regulate | handle , tackle | |
Express | define | describe | illustrate | demonstrate | |
explain | |||||
disagree | |||||
Erase | delete | remove | without | ||
analysis | evaluate | solve | |||
forecast | probability | Suppose | |||
introspection | insight | ||||
abandon | abdicate | relinquish | leave | forsake , banish | |
practice | persistence | perseverence | diligence | compete | |
try | chase | ||||
reject | ignore | deny | refuse | dismiss | |
neglect | |||||
seek | search | find | |||
Form | mould | model | shape | statue | |
foolishness | stupid | idiot | awkward | ||
self respect | |||||
value | self respect | dignity | honor | Self-esteem | morality |
लोग अक्सर गलत काम करने के बाद किसी ना किसी तरीके से इसका छुटकारा पान चाहते हैं , कोई जान बूझ कर गलत काम करता हैं तो कोई गलती से गलत काम करता हैं | जो जान बूझ कर करता हैं उसे हमेशा भागने कि पड़ी रहती हैं और उसके दिल में डर भि रहता हैं कि कोई उसे पकड़ ना ले , जिसने गलती से गलती कि हैं उसे उसका पछतावा होता हैं लेकिन फिर भी वो चाहता हैं कि उसे इससे छुटकारा मिले थोड़े लोग प्रायश्चित करते हैं तो थोड़े लोग चालाकी से बच निकलते हैं, बच निकालने वाले को कभी भि आत्मा शांति नहीं मिलती लेकिन प्रायश्चित करने वाले को शांति अवश्य मिलती हैं
हमारे दिमाग कि भावदशा समय समय पर बदलते रहती हैं इसीलिए यह कहना मुश्किल हैं कि कोई आदमी दुखी हैं या सुखी हैं बिना उसकी वजह जाने बिना | दो प्रकार एक मिजाज देखे जा सकते हैं खुश मिजाज और दुखी मिजाज और ना खुश ना दुखी , कभी कभी गरम मिजाज का आदमी भी कहा जाता हैं और ठंडे मिजाज का आदमी का भि प्रयोग किया जाता हैं मतलब ठंडे दिमाग वाले को गुस्सा जल्दी नहीं आता पर गरम मिजाज के आदमी को गुस्सा जल्दी आ जाता हैं |
सुखी रहने या खुश रहने के की कारण हो सकते हैं लेकिन असली खुशी हमें तभी मिलती हैं जब हमारा शरीर पूरी तरह स्वस्थ और तंडरुस्थ रहता हैं |