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grammar:valency [2021/12/08 09:01] – brahmantra | grammar:valency [2022/02/06 11:15] () – removed brahmantra | ||
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- | ====== Valency ====== | ||
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- | - impersonal (= avalent) it rains , | ||
- | - intransitive (monovalent/ | ||
- | - transitive (divalent/ | ||
- | - ditransitive (trivalent/ | ||
- | - tritransitive (quadrivalent/ | ||
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- | 1. सकर्मक क्रिया | ||
- | “जिस क्रिया का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़े, | ||
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- | अतएव, | ||
- | (i) प्रवर अनू पढ़ता है। (कर्म-विहीन क्रिया) - Anu reads | ||
- | (ii) प्रवर अनू पुस्तक पढ़ता है। (कर्मयुक्त क्रिया) - Anu reads a book | ||
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- | प्रथम और द्वितीय दोनों वाक्यों में ‘पढ़ना’ क्रिया का प्रयोग हुआ है; परन्तु प्रथम वाक्य की क्रिया अपने साथ कर्म न लाने के कारण अकर्मक हुई, जबकि द्वितीय वाक्य की वही क्रिया अपने साथ कर्म लाने के कारण सकर्मक हुई। | ||
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- | 2. अकर्मक क्रिया | ||
- | “वह क्रिया, | ||
- | जैसे- | ||
- | उल्लू दिनभर सोता है। | ||
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- | इस वाक्य में ‘सोना’ क्रिया का व्यापार उल्लू (जो कर्ता है) ही करता है और वही सोता भी है। इसलिए ‘सोना’ क्रिया अकर्मक हुई। | ||
- | कुछ क्रियाएँ अकर्मक सकर्मक दोनों होती हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें- | ||
- | - उसका सिर खुजलाता है। (अकर्मक) - His head Itches (symptom / feeling ) | ||
- | - वह अपना सिर खुजलाता है। (सकर्मक) - He scratches his head ( reflex action ) | ||
- | - जी घबराता है। (अकर्मक) - his heart fears | ||
- | - विपत्ति मुझे घबराती है। (सकर्मक) - | ||
- | - बूंद-बूंद से तालाब भरता है। (अकर्मक) - drop and drop fills an ocean | ||
- | - उसने आँखें भर के कहा (सकर्मक) - he filled his eyes and said | ||
- | - गिलास भरा है। (अकर्मक) - the glass if filled | ||
- | - हमने गिलास भरा है। (सकर्मक) - We filled the glass | ||
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- | जब कोई अकर्मक क्रिया अपने ही धातु से बना हुआ या उससे मिलता-जुलता सजातीय कर्म चाहती है तब वह सकर्मक कहलाती है। | ||
- | जैसे- | ||
- | सिपाही रोज एक लम्बी दौड़ दौड़ता है। | ||
- | भारतीय सेना अच्छी लड़ाई लड़ना जानती है/ | ||
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- | क्रिया वाक्य को पूर्ण बनाती है। इसे ही वाक्य का ‘विधेय’ कहा जाता है। वाक्य में किसी काम के करने या होने का भाव क्रिया ही बताती है। अतएव, | ||
- | * लड़का मन से पढ़ता है और परीक्षा पास करता है। | ||
- | उक्त वाक्य में ‘पढ़ता है’ और ‘पास करता है’ क्रियापद हैं। | ||
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- | 1. क्रिया का सामान्य रूप ‘ना’ अन्तवाला होता है। यानी क्रिया के सामान्य रूप में ‘ना’ लगा रहता है। जैसे- | ||
- | * खाना : खा | ||
- | * पढ़ना : पढ़ | ||
- | * सुनना : सुन | ||
- | * लिखना : लिख आदि। | ||
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- | * नोट : यदि किसी काम या व्यापार का बोध न हो तो ‘ना’ अन्तवाले शब्द क्रिया नहीं कहला सकते। | ||
- | * जैसे- | ||
- | * सोना महँगा है। (एक धातु है) | ||
- | * वह व्यक्ति एक आँख से काना है। (विशेषण) | ||
- | * उसका दाना बड़ा ही पुष्ट है। (संज्ञा) | ||
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- | 2. क्रिया का साधारण रूप क्रियार्थक संज्ञा का काम भी करता है। जैसे- | ||
- | * सुबह का टहलना बड़ा ही अच्छा होता है। | ||
- | * इस वाक्य में ‘टहलना’ क्रिया नहीं है। | ||
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